पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक ऐसी सरकार देखी है, जो पूरी तरह ईमानदार और पारदर्शी रही है। न कोई घोटाला, न कोई कमीशनखोरी, न किसी मंत्री स्तर पर भ्रष्टाचार।
यह भारतीय राजनीति में असाधारण है। अगर इसे कांग्रेस के शासनकाल से तुलना करें तो वहाँ हर कुछ महीनों में लाखों-करोड़ों के घोटाले सामने आते थे:
- 2G घोटाला (₹1.76 लाख करोड़)
- कोयला घोटाला (₹1.86 लाख करोड़)
- कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला (₹70,000 करोड़)
- अगस्ता वेस्टलैंड, बोफोर्स, आदर्श हाउसिंग और अनगिनत अन्य घोटाले।
कांग्रेस के समय में भ्रष्टाचार एक संस्कृति बन चुका था। जबकि मोदी सरकार ने 11 सालों में इस संस्कृति को पूरी तरह खत्म कर दिया। यही वजह है कि विपक्ष पूरी तरह हताश और निराश है।
🤥 विपक्ष की गंदी चालें
क्योंकि मोदी सरकार पर कोई असली आरोप नहीं लग पा रहा, विपक्ष अब सहारा ले रहा है:
- फर्जी टूलकिट्स और झूठे आरोप (जैसे नितिन गडकरी के बेटों की एथेनॉल कंपनियों पर प्रोपेगेंडा)।
- फोटोशूट और दिखावा – परिवार की छवि चमकाने के लिए बनावटी तस्वीरें।
- बीते शासनकाल की झूठी महिमा गाथा, जबकि सच्चाई घोटालों से भरी है।
- मिथ्या प्रचार – मोदी जी के कपड़े, विदेश यात्राएं, योजनाओं पर ग़लत जानकारी फैलाना।
लेकिन यह सब अब उल्टा पड़ रहा है। जनता इनकी चाल को पहचान चुकी है।
🚢 डूबता जहाज़ बन चुकी कांग्रेस
आज कांग्रेस एक डूबता जहाज़ है।
- कई वरिष्ठ और समझदार नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, बाकी निकलने की तैयारी में हैं।
- विपक्षी गठबंधन यानी “ठगबंधन” भी टूटने की कगार पर है।
- क्षेत्रीय दल जानते हैं कि कांग्रेस का साथ देना उनके लिए भी नुकसानदायक है।
हताशा किसी का भला नहीं करती, और विपक्ष की यह हताशा उसकी गिरावट को और तेज़ कर रही है।
✅ मोदी सरकार का काम खुद बोलता है
जहाँ विपक्ष सिर्फ़ झूठ फैलाता है, वहीं मोदी सरकार ऐतिहासिक काम कर रही है:
- इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति – रिकॉर्ड हाइवे, एयरपोर्ट, रेलवे, एक्सप्रेसवे और पोर्ट्स।
- डिजिटल भारत – UPI, जनधन, आधार, जिससे भारत दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था बना।
- मैन्युफैक्चरिंग हब – मेक इन इंडिया, रक्षा उत्पादन, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर्स।
- किसान सशक्तिकरण – रिकॉर्ड MSP, सिंचाई योजनाएं, बीमा और बिजलीकरण।
- वैश्विक नेतृत्व – G20 की अगुवाई, चीन–पाकिस्तान को जवाब, और विश्वगुरु के रूप में भारत की पहचान।
🧠 जनता बेवकूफ़ नहीं है
विपक्ष अब भी सोचता है कि फर्जी हेडलाइन और अफवाहोंसे जनता को बहकाया जा सकता है।
- लेकिन अब भारत बदल चुका है।
- लोग नेताओं को काम से आंकते हैं, वादों से नहीं।
- उन्हें पता है असली भ्रष्टाचार किसके राज में हुआ और झूठे आरोप कौन लगा रहा है।
- जनता चाहती है नतीजे, न कि खोखली बातें।
📉 झूठे प्रोपेगेंडा का नुकसान विपक्ष को
- परिवार की फर्जी फोटोशूट, झूठी महिमा मंडन, और मोदी–BJP के खिलाफ गलत आंकड़े और नैरेटिव गढ़ना विपक्ष को और डुबा रहा है।
- यही कारण है कि कांग्रेस टूट रही है, वरिष्ठ नेता भाग रहे हैं और “ठगबंधन” बिखर रहा है। बाकी पार्टियां भी कांग्रेस का बोझ नहीं उठाना चाहतीं।
सच्चाई साफ़ है:
- विपक्ष = झूठे नैरेटिव, हताशा, टूटते गठबंधन, डूबती साख।
- मोदी सरकार = स्वच्छ शासन, ठोस नतीजे, वैश्विक सम्मान, जनता का भरोसा।
- विपक्ष जितना मोदी को बदनाम करने की कोशिश करता है, उतना ही अपनी कमजोरी उजागर करता है। लेकिन अब भारत बदल चुका है। जनता काम चाहती है, झूठ नहीं।
- मोदी जी का काम खुद बोलता है – और यही विपक्ष की सबसे बड़ी हार है।
🇮🇳 जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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