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वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकता की पुकार

वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एकता की पुकार: भारत बना दुनिया के लिए आदर्श

21वीं सदी में दुनिया के सामने सबसे बड़ा खतरा परमाणु युद्ध या जलवायु परिवर्तन नहीं है — बल्कि यह है कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद, जो फोटो जिहाद, लव जिहाद, साइबर जिहाद, शिक्षा जिहाद और जनसंख्या जिहाद जैसे नामों से धीरे-धीरे समाजों को अंदर से खोखला कर रहा है।

जबकि पश्चिमी देश तुष्टीकरण और छद्म धर्मनिरपेक्षता में फंसे हुए हैं, भारत ने दिखा दिया है कि साहसी, संवेदनशील और प्रभावी कार्रवाई कैसे की जाती है — बिना निर्दोषों को नुकसान पहुँचाए और बिना अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन किए।

🇮🇳 भारत: साहस, बुद्धिमत्ता और संकल्प का प्रतीक

2016 के उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के माध्यम से भारत ने स्पष्ट संदेश दिया —
आतंक का जवाब सिर्फ़ शब्दों से नहीं, एक्शन से दिया जाएगा।

भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति:

  • आम नागरिकों को हानि नहीं।
  • अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन।
  • सीधे आतंकी ठिकानों पर निशाना।
  • ड्रोन, तकनीक, और खुफिया नेटवर्क का कुशल उपयोग।

यह एक संतुलित लेकिन दृढ़ रणनीति है, जिसे अब दुनिया को अपनाना चाहिए।

🌐 पश्चिमी देशों में आतंकी विचारधारा घर कर चुकी है

अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में अब हजारों कट्टरपंथी सेल्स, जिहादी प्रचारक, और विदेश पोषित मस्जिदें फल-फूल रही हैं जो संविधान, कानून, और स्थानीय संस्कृति का खुला विरोध करती हैं।

इन देशों ने:

  • धर्मनिंदा कानूनों को स्थान दिया।
  • नोगो ज़ोन बनने दिए जहाँ पुलिस तक जाने से डरती है।
  • अल्पसंख्यक अधिकार के नाम पर अलगाववादी इस्लामी समूहों को छूट दी।

यह बहुसंस्कृतिवाद नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आत्महत्या है।

⚠️ जिहाद का सुनियोजित एजेंडा

  • सोशल मीडिया और विवाह/समारोहों के ज़रिये लड़कियों को फँसाना (लव जिहाद, फोटो जिहाद)
  • लोकतंत्र का दुरुपयोग कर घृणा फैलाना
  • मानवाधिकारऔर NGO की आड़ में सुरक्षा लेना
  • विश्वविद्यालयों, मीडिया, और सरकारी तंत्र में पैठ बनाना
  • शरीयत कानून, हलाल इकोनॉमी, और समानांतर इस्लामिक कोर्ट की माँग करना

यह कोई साधारण घुसपैठ नहीं — यह सभ्यता को नष्ट करने का एजेंडा है।

अब दुनिया को कहना होगा: बस बहुत हुआ!

देश के कानून, संविधान, और संस्कृति को स्वीकार करें या देश छोड़ दें।

जो भी आतंकी विचारधारा का समर्थन करते हैं, या प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद में लिप्त हैं, उनके खिलाफ:

  • नागरिकता समाप्त करें
  • निर्वासित करें
  • सार्वजनिक मुकदमा चलाएँ
  • ब्लैकलिस्ट में डालें

यदि कोई इस्लामिक देश उन्हें शरण देना चाहता है, तो ठीक।
नहीं तो उन्हें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान जैसे देशों में बलपूर्वक भेजा जाए या सुरक्षा निगरानी में अलग रखा जाए

🚀 आगे के कदम

सरकारों के लिए

  • इमीग्रेशन कानूनों में सुधार: केवल कागज़ नहीं, विचारधारा की भी जाँच हो।
  • नेशनल एंटीजिहाद टास्क फ़ोर्स बनाएं जिसमें सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियाँ शामिल हों।
  • धार्मिक संस्थानों को मिलने वाले विदेशी चंदों पर पूर्ण निगरानी
  • ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री और वेबसाइट्स पर रोक और प्रचारकों पर सख्त कार्रवाई।

नागरिकों के लिए

  • विद्यालयों, कॉलेजों, और परिवारों में जागरूकता फैलाएं
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें
  • ऐसे आयोजनों या ब्रांड्स का बहिष्कार करें जो इस्लामी कट्टरपंथ का समर्थन करते हैं।
  • अपने नेताओं से तुष्टीकरण की राजनीति बंद करने की माँग करें

वैश्विक स्तर पर

  • एक अंतरराष्ट्रीय एंटीजिहाद गठबंधन बनाएं — एक वैचारिक NATO।
  • जो देश आतंकियों को शरण देते हैं, उन पर आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिबंध।
  • एक वैश्विक जागरूकता अभियान शुरू करें जिसमें आम जनता को जिहादी रणनीतियों की जानकारी दी जाए।
  • सभी देश मिलकर आतंकवाद और आतंकी ठिकानों व संगठनों को समूल रूप से नष्ट करेँ
  • मुसलमानों को आतंकवाद और जिहाद से उनपर हो रहे नुकसान के बारे मैं जागरूक करेँ।

💡 अंतिम बात: यह धर्म के खिलाफ नहीं, सभ्यता की रक्षा की लड़ाई है

यह इस्लाम के खिलाफ युद्ध नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ है जो इस्लाम के नाम पर हिंसा, वर्चस्व और बर्बादी को उचित ठहराते हैं।

हमें स्पष्ट रूप से सीमाएँ खींचनी होंगी:

  • मुसलमान और जिहादी में,
  • आस्था और उन्माद में,
  • सांस्कृतिक सहअस्तित्व और सांस्कृतिक आक्रमण में

हिंदू (सिख, बौद्ध, जैन), ईसाई, यहूदी, , नास्तिक सभी गैरमुस्लिम सभ्यताओं को अब एकजुट होना होगा।
क्योंकि यदि हम चुप रहे, तो अगली बारी हमारी है।

📢 राष्ट्रीय जागृति का समय आ गया है

अब वक्त है:
बोलने का।
एक्शन लेने का।
जुटने का।

यदि आप चाहते हैं:

  • बेटियों और बहनों की सुरक्षा
  • बोलने और पूजा की स्वतंत्रता
  • एकता और सभ्यता की रक्षा

तो अब उठो —
जैसे भारत उठ रहा है
जैसे इज़राइल लड़ता है,
वैसे ही यूरोप और अमरीका को भी अब उठना होगा

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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