“चीन बनाम भारत” अब सिर्फ एक अख़बार की हेडलाइन नहीं रही। ये एक ऐसी सच्चाई बन चुकी है जो हमारी सीमाओं, अर्थव्यवस्था और भविष्य—तीनों को प्रभावित कर रही है।
चीन सुपरपावर क्यों बना और भारत अभी भी जकड़ा क्यों है?
1. एक राष्ट्र, एक सरकार बनाम वोटबैंक की राजनीति
चीन: न चुनाव, न विपक्ष, न तुष्टीकरण। एक पार्टी, एक विजन — राष्ट्रीय प्रगति।
भारत: राजनीति धर्म, जाति और समुदायों में बंटी हुई। हर चुनाव हिंदू–मुस्लिम, दलित–ओबीसी, अल्पसंख्यक–बहुसंख्यक में बदल जाता है।
सीख: नेताओं को राष्ट्र के लिए काम करना चाहिए, न कि वोटबैंक के लिए।
2. सख्त कानून बनाम कमजोर राज्य
चीन: भ्रष्टाचार, रेप, ड्रग्स, देशद्रोह, आतंक के लिए तुरंत मृत्युदंड।
भारत: सालों की अदालतें, जमानत, राजनीतिक बचाव, और अपराधियों का महिमामंडन।
सीख: कड़े कानून और तेज़ न्याय जरूरी। देशद्रोहियों और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस।
3. राष्ट्रविरोधी तत्वों की कोई जगह नहीं
चीन: PFI, भीम आर्मी, इस्लामिक यूनियन जैसे संगठन प्रतिबंधित।
भारत: ऐसे गुट “अधिकार” और “अभिव्यक्ति की आज़ादी“ के नाम पर पनपते हैं।
सीख: ऐसे संगठनों पर पूर्ण प्रतिबंध, विश्वविद्यालयों और NGOs पर निगरानी।
4. एकता बनाम विखंडन
चीन: न धर्म आधारित राजनीति, न जातिवाद।
भारत: हर मुद्दा जाति या धर्म के चश्मे से देखा जाता है।
सीख: “मैं भारतीय हूँ“ यह भावना सबसे ऊपर होनी चाहिए।
5. सरकारी मीडिया बनाम विदेशी प्रभाव
चीन: सिर्फ सरकारी मीडिया, कोई विदेशी नियंत्रण नहीं।
भारत: मीडिया बंटा हुआ — कुछ राष्ट्रवादी, कुछ पूरी तरह से राष्ट्रविरोधी एजेंडे पर।सीख:मीडिया जवाबदेह हो, विदेशी पैसे पर चलने वाले नैरेटिव रोके जाएं।
6. मेहनत = जीवन बनाम फ्रीबी संस्कृति
चीन: काम नहीं? खाना नहीं। कोई मुफ्तखोरी नहीं।
भारत: वोट के लिए मुफ्त बिजली, राशन, लैपटॉप।
सीख: स्वावलंबन को बढ़ावा देना होगा, आलस नहीं।
7. नियंत्रित सोशल मीडिया बनाम अफवाहों का अड्डा
चीन: सेंसर किया गया प्लेटफ़ॉर्म, जहां राष्ट्रहित पहले है।
भारत: सोशल मीडिया फेक न्यूज़, नफरत और हिंसा फैलाने का ज़रिया बन गया है।
सीख: डिजिटल नियम सख्त हों। अफवाहों और दुष्प्रचार पर कड़ी रोक।
8. राष्ट्र पहले बनाम अल्पसंख्यक तुष्टीकरण
चीन: इस्लाम और कट्टर विचारधारा को कंट्रोल में रखा गया।
भारत: कट्टरपंथियों को मनाया जाता है, भले ही वे खुली धमकी दें।
सीख: राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, न कि किसी समुदाय का तुष्टीकरण।
भारत के लिए प्रमुख सीखें
यदि भारत को एक असली महाशक्ति बनना है तो:
- तुष्टीकरण की राजनीति तुरंत बंद हो।
- सभी के लिए एक कानून — कोई विशेषाधिकार नहीं।
- भ्रष्टाचार, अपराध और आतंक पर फास्ट–ट्रैक सज़ा।
- जाति–धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा।
- शिक्षा, मीडिया और NGOs में राष्ट्रविरोधियों की पहचान और सफ़ाई।
- मेहनती नागरिकों को आगे बढ़ाने की नीति — फ्री के नाम पर निकम्मेपन को नहीं।
सोशल मीडिया को राष्ट्र निर्माण का साधन बनाया जाए।
भारत के पास वह सब कुछ है जो चीन के पास नहीं — आध्यात्मिकता, संस्कृति और लोकतंत्र।
पर जब तक हम एकजुट नहीं होंगे, अनुशासित नहीं होंगे, और तुष्टीकरण नहीं छोड़ेंगे, तब तक हम केवल “संभावना वाला देश” रहेंगे, शक्ति नहीं।
अब समय है क्रांति का। हिम्मत का। एकता का।
हिंदू उठे, संगठित हों और भारत का नेतृत्व करें।
🇳🇪 जय भारत, वन्देमातरम 🇳🇪
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