धर्म
धर्म मानव सभ्यता की नींव में से एक है, जिसने सदियों से समाज को दिशा देने, नैतिक मूल्यों को स्थापित करने और लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करने का कार्य किया है। लेकिन आज के समय में एक बड़ा सवाल उठता है—क्या धर्म वाकई मानवता को जोड़ता है या कहीं न कहीं उसे बाँटने का माध्यम बन गया है? जब धर्म प्रेम, करुणा और समानता की बात करता है, तो फिर उसी के नाम पर संघर्ष, भेदभाव और हिंसा क्यों होती है?
- जो मानवता को जोड़ने, उठाने और नैतिक मार्ग पर चलाने के लिए बना था
- आज दुर्भाग्यवश विवाद, संघर्ष और सत्ता की भूख का हथियार बन चुका है।
असल में धर्म हमें सिखाता है:
- क्या सही है और क्या गलत
- क्या पुण्य है और क्या पाप
- कैसे दूसरों से प्रेम, करुणा, त्याग और संयम से जीना चाहिए
धर्म का वास्तविक उद्देश्य है एक ऐसा समाज बनाना जहाँ लोग सद्भाव, नैतिकता और शांति से साथ रहें।
पर इतिहास गवाह है — धर्म के नाम पर ही सबसे ज्यादा खून बहा है।
🔥 इतिहास की कड़वी सच्चाई
इतिहास में:
- ईसाईयों में कैथोलिक बनाम प्रोटेस्टेंट संघर्ष
- इस्लाम में शिया बनाम सुन्नी कट्टरता
- धर्म के नाम पर क्रूसेड्स, जिहाद, इनक्विजीशन और जनसंहार
यह सब दर्शाता है कि जब धर्म का प्रयोग सत्ता और नियंत्रण के लिए होता है, तो वह मानवता के लिए अभिशाप बन जाता है।
🧨 धार्मिक मतांतरण: आधुनिक उपनिवेशवाद
ईसाई और इस्लामी संस्थानों ने सदियों से संगठित और सुनियोजित तरीके से मतांतरण को हथियार बनाया:
भारत में:
- इस्लामी आक्रमणों में मंदिरों का विध्वंस, हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन और हिंसा
- ब्रिटिश काल में मिशनरियों द्वारा गरीबों और आदिवासियों का लालच देकर मतांतरण
- आज भी यह प्रक्रिया चल रही है — चैरिटी, शिक्षा और धन के माध्यम से छिपा एजेंडा
और सनातन धर्म को सबसे अधिक कष्ट इसीलिए हुआ, क्योंकि वह सिखाता है:
“सर्वे भवन्तु सुखिनः” — सबका कल्याण हो।
सनातन सहिष्णु था — और इसी कारण पीड़ा भी सहनी पड़ी।
⚔️ गद्दारों का योगदान: अपनों से मिली चोट
भारत को जितना नुकसान बाहरी लुटेरों ने दिया, उससे कहीं अधिक गद्दार हिंदुओं ने दिया:
- सत्ता और स्वार्थ के लिए उन्होंने मुगलों और अंग्रेजों का साथ दिया
- मंदिर तोड़े, संतों को मारा, और संस्कृति को बेचा
- आज भी कुछ सेक्युलर हिंदू टुकड़ों के लिए हिंदू विरोधी प्रचार कर रहे हैं
यह आत्मघाती प्रवृत्ति आज भी भारत और सनातन धर्म को भीतर से खा रही है।
💣 इस्लामी आतंकवाद और जनसंख्या का खतरा
- आज का सबसे बड़ा वैश्विक संकट है:
- इस्लामी जिहाद, आतंकवाद, विच्छेदवाद, और
- जनसंख्या विस्फोट के माध्यम से लोकतांत्रिक सत्ता पर कब्ज़ा
यह एक “जनसंख्या जिहाद“ है — जिसमें उद्देश्य है:
- स्थानीय जनसंख्या को संख्या में पीछे छोड़ना
- चुनाव में वर्चस्व पाना
- इस्लामी कानून लागू करना
यह अब केवल एक धार्मिक नहीं, सभ्यतागत युद्ध बन चुका है।
🕉️ स्वामी विवेकानंद का विस्मृत सन्देश
1893 में शिकागो में विश्व धर्म महासभा में एक दिव्य स्वर गूंजा —
स्वामी विवेकानंद का।
उन्होंने कहा:
“सांप्रदायिकता, हठधर्मिता, और उसका भयानक वंशज कट्टरता… इस सुंदर पृथ्वी पर बहुत समय से शासन कर रहे हैं… लेकिन अब उनका समय समाप्त हो चला है।”
स्वामीजी ने पूरे मानव समाज के लिए एक रास्ता दिखाया:
- एक सार्वभौमिक धर्म (Universal Religion)
- मूल्य आधारित शिक्षा (Value Education)
- सहनशीलता, प्रेम और मानवता पर आधारित धर्म
🌍 लेकिन दुनिया ने नहीं सुना।
इसके बजाय:
- धर्म के नाम पर राजनीति हुई
- हिंसक प्रचार, फतवे, जिहाद और क्रूसेड्स को बढ़ावा मिला
- और मूल्य शिक्षा को नजरअंदाज़ कर दिया गया
आज जब विश्व संकट में है, तो स्वामी विवेकानंद के उपदेशों की गूंज फिर बुला रही है।
⚠️ जब सरकारें ही लूट और देशद्रोह को बढ़ावा दें…
- जब किसी देश की सरकार:
- राष्ट्र विरोधी तत्वों को संरक्षण देती है
- धर्मांतरण और आतंक का समर्थन करती है
- देश की संपत्ति लूटने में लिप्त होती है
- तो फिर भगवान भी उस देश को नहीं बचा सकते।
लेकिन भारत भाग्यशाली रहा…
🇮🇳 जब जंगल से तपस्वी आया — मोदी जी
एक सन्यासी, जिसने जंगलों में साधना की —
वह राजनीति में आया एक दिव्य मिशन के साथ।
श्री नरेंद्र मोदी —
जिन्होंने भारत को:
- भ्रष्ट, कमज़ोर और टूटे राष्ट्र से
- तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक शक्ति बना दिया
उनके नेतृत्व में:
- ऑपरेशन सिन्दूर ने भारत की वैश्विक शक्ति और नागरिकों के प्रति समर्पण को सिद्ध किया
- आर्थिक सुधारों ने भारत को विकास का इंजन बना दिया
- भारत की आवाज आज G20, BRICS और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गूंजती है
मोदी जी ने सिर्फ भारत का नेतृत्व नहीं किया — भारत की आत्मा को जाग्रत किया।
🛤️ अब आगे क्या करना है?
1. वैश्विक सहयोग
- धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद का मुकाबला कोई देश अकेले नहीं कर सकता
- इसके लिए एक संगठित वैश्विक अभियान अनिवार्य है
2. सार्वभौमिक धर्म और मूल्य शिक्षा
- स्वामी विवेकानंद की शिक्षा को स्कूलों, विश्वविद्यालयों और मंदिरों में अनिवार्य करना होगा
3. मूल धर्मों की रक्षा के लिए कानून
- जैसे भारत को सनातन धर्म को कानूनी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए
4. धार्मिक वर्चस्व का बहिष्कार
- धर्म को राजनीति से मुक्त कर, उसे आध्यात्मिकता तक सीमित करना होगा
धर्म को फिर से मानवता का उपचार बनाएं
आज समय आ गया है कि हम धर्म को:
राजनीति और कट्टरता से मुक्त करें
उसकी मूल आत्मा — प्रेम, सेवा, सत्य और शांति को पुनर्जीवित करें
सच्ची विश्व शांति तभी संभव है, जब हम स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चलें।
Universal Religion और Value Education कोई विकल्प नहीं — यह मानवता की एकमात्र आशा है।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈