भारत की धर्मनिरपेक्ष युवा पीढ़ी को अपने राष्ट्र के सच्चे इतिहास को जानने का गंभीर प्रयास करना चाहिए, जिसे दशकों से योजनाबद्ध तरीके से तोड़–मरोड़कर पेश किया गया है। मुगल काल में राजपूतों के बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक योद्धाओं को इतिहास की किताबों से या तो हटा दिया गया या उनके योगदान को कम कर दिया गया। इसके बजाय, एकतरफा, कांग्रेस–समर्थित कथा गढ़ी गई, जिसमें मुगलों को महान शासक बताया गया और भारत की स्वतंत्रता का श्रेय केवल गांधी–नेहरू को दिया गया।
इतिहास के साथ छेड़छाड़: कांग्रेस की राजनीतिक चाल
स्वतंत्रता के बाद से ही कांग्रेस पार्टी, जो विभाजन के बाद से मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाए हुए है, ने अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए इतिहास को तोड़–मरोड़कर पेश किया। इसके कारण पीढ़ियों को एक पक्षपाती और झूठी ऐतिहासिक शिक्षा दी गई।
1. मुगलों का महिमामंडन और राजपूतों के बलिदान की अनदेखी
✅ स्कूल की किताबों में मुगल शासन को एक सांस्कृतिक स्वर्ण युग की तरह प्रस्तुत किया गया, लेकिन उनके क्रूर आक्रमणों, हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण, मंदिरों के विध्वंस, और अत्याचारी शासन को छुपा दिया गया।
✅ महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह जी और अन्य हिंदू योद्धाओं, जिन्होंने इस्लामी आक्रमणों का बहादुरी से सामना किया, उनके योगदान को उचित सम्मान नहीं दिया गया।
✅ पृथ्वीराज चौहान, राणा सांगा, बंदा सिंह बहादुर जैसे योद्धाओं की वीरगाथा को इतिहास में महज एक छोटे से हिस्से में समेट दिया गया।
2. स्वतंत्रता संग्राम का झूठा विवरण
✅ भारतीय स्वतंत्रता केवल गांधी की अहिंसा नीति के कारण नहीं मिली थी। असल में, सुभाष चंद्र बोस, आज़ाद हिंद फौज (INA) और भारतीय नौसेना के विद्रोहियों ने ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।
✅ भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, वीर सावरकर और अन्य क्रांतिकारियों को या तो नजरअंदाज कर दिया गया या चरमपंथी करार दिया गया।
✅ कांग्रेस ने नेहरू को स्वतंत्रता संग्राम का नायक बनाकर प्रस्तुत किया, जबकि उनकी नीतियों और फैसलों ने भारत को कई मामलों में पीछे कर दिया।
3. इस्लामी शासन के अत्याचारों को छिपाना
✅ मुगलों के शासन में लाखों हिंदुओं की हत्याएं, जबरन धर्मांतरण और मंदिरों का विध्वंस हुआ, लेकिन इसे इतिहास की किताबों में या तो कम करके बताया गया या पूरी तरह छुपा दिया गया।
✅ औरंगजेब, टीपू सुल्तान जैसे अत्याचारी शासकों को महान शासक के रूप में दिखाया गया, जबकि उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ नरसंहार किए थे।
4. विभाजन के अत्याचारों की अनदेखी
✅ भारत के विभाजन के दौरान हिंदुओं के नरसंहार, जबरन धर्मांतरण और बर्बर हत्याओं का विवरण इतिहास में उचित स्थान नहीं पा सका।
✅ कांग्रेस पार्टी ने जिन्ना को खुश करने की नीति अपनाई और हिंदुओं के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही।
युवाओं को अपने सच्चे इतिहास को क्यों जानना चाहिए?
- इतिहास सिर्फ अतीत नहीं होता, यह हमारे वर्तमान और भविष्य को आकार देता है।
- यदि युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों के बलिदानों को नहीं समझेगी, तो वह अपनी संस्कृति, परंपराओं और स्वतंत्रता की कीमत को भी नहीं समझ पाएगी।
- युवाओं को स्कूली शिक्षा में पढ़ाए गए झूठे इतिहास पर सवाल उठाने चाहिए और वैकल्पिक स्रोतों से वास्तविक इतिहास को पढ़ना चाहिए।
हमें क्या करना चाहिए?
1. वैकल्पिक इतिहास पढ़ें और शोध करें
📚 डॉ. विक्रम संपत, सीता राम गोयल और राजीव मल्होत्रा जैसे लेखकों की किताबें पढ़ें, जो भारतीय इतिहास का प्रामाणिक विवरण देती हैं।
📖 राजा दाहिर, वीर सावरकर, रानी दुर्गावती, गुरु तेग बहादुर, और सिख योद्धाओं के बारे में पढ़ें।
2. स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव की मांग करें
📌 NCERT की इतिहास की किताबों को पूरी तरह से बदलने की आवश्यकता है, ताकि उसमें वास्तविक ऐतिहासिक घटनाओं को शामिल किया जा सके।
📌 मुगल शासन का महिमामंडन हटाकर भारतीय वीरों के संघर्ष की सच्ची कहानी बताई जानी चाहिए।
3. सच्ची इतिहास की जानकारी को फैलाएं
🌍 सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों को वास्तविक इतिहास के बारे में शिक्षित करें।
💬 विश्वविद्यालयों में वास्तविक भारतीय इतिहास पर आधारित बहस, चर्चा और सेमिनार आयोजित करें।
4. असली राष्ट्र नायकों को पहचानें और उनका सम्मान करें
🛡 स्वतंत्रता सेनानियों और योद्धाओं के सम्मान में विभिन्न आयोजनों में भाग लें।
🏛 विभिन्न सरकारी मान्यताओं और राष्ट्रीय अवकाशों में असली नायकों को उचित स्थान देने की मांग करें।
अब समय आ गया है कि भारत की युवा पीढ़ी कांग्रेस द्वारा गढ़ी गई झूठी ऐतिहासिक कहानियों से बाहर निकले और अपने राष्ट्र के वास्तविक इतिहास को जाने। राजपूत योद्धाओं, क्रांतिकारियों और अनगिनत अनसंग हीरोज के बलिदानों को समझना और उनका सम्मान करना पहला कदम है।
इतिहास को राजनीतिक लाभ के लिए तोड़ा–मरोड़ा नहीं जाना चाहिए, बल्कि इसे सत्य और निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
🚩 जय हिंद! जय भारत! 🚩