नरेंद्र मोदी कोई साधारण राजनेता नहीं हैं। वे विदुर की नीति और चाणक्य की रणनीति का अद्भुत संगम हैं, जो भारत की राजनीति को असाधारण दूरदृष्टि के साथ संचालित कर रहे हैं। महात्मा गांधी की तरह मोदी भी जनमानस को प्रभावित और दिशा देने की कला में निपुण हैं, लेकिन उनके सत्य और दृढ़ संकल्प का लक्ष्य भारत को फिर से एक सशक्त हिंदू राष्ट्र बनाना है।
इतिहास से सबक सीखने की जरूरत
अहिंसा के नाम पर, गांधी ने अपने प्रिय मुसलमानों को एक अलग देश भेंट कर दिया। इसका परिणाम क्या हुआ?
- लाखों हिंदुओं की नृशंस हत्या कर दी गई।
- हजारों हिंदू महिलाओं के साथ अमानवीय अत्याचार और बलात्कार हुआ।
- सैकड़ों मंदिरों में जबरन कुरान पढ़वाई गई, लेकिन किसी भी मस्जिद में भगवद गीता नहीं पढ़ाई गई।
कांग्रेस के वोट बैंक को बचाने के लिए, भारत से तीन करोड़ मुसलमानों का पाकिस्तान पलायन रोका गया, जिससे हिंदू समाज के लिए दीर्घकालिक खतरा और बढ़ गया। हिंदुओं ने सब कुछ खो दिया, लेकिन गांधी ने उनके लिए कुछ नहीं किया।
मोदी: 75 साल बाद सच्चे चाणक्य की वापसी
कांग्रेस और अन्य मुस्लिम तुष्टिकरण करने वाले दलों द्वारा दशकों तक हिंदुओं को ठगा गया। लेकिन अब एक सच्चा चाणक्य भारत की बागडोर संभाल चुका है। मोदी योजनाबद्ध तरीके से भारत को हिंदू राष्ट्र की ओर ले जा रहे हैं, लेकिन जल्दबाजी में नहीं—वे रणनीति, धैर्य और सूझबूझ से हर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि मोदी यह नहीं जानते कि मुसलमान कैसे वोट डालते हैं?
- वे उनके वोटिंग पैटर्न को सबसे अच्छे से समझते हैं।
- उन्हें पता है कि कांग्रेस ने 25 अक्टूबर 1951 से इस वोट बैंक को कैसे संगठित किया।
- वे उन्हें अपना खेल खेलने दे रहे हैं, जबकि खुद एक और बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं।
मोदी की मास्टरस्ट्रोक रणनीति: दूरगामी खेल
🔹 मोदी गांधी–गांधी का नारा लगाते रहे, लेकिन सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाई, जिससे देश को याद रहे कि भारत का असली एकीकरण किसने किया।
🔹 मोदी ने गांधी का सम्मान किया, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वीरता को भी सराहा और उनके नाम पर एक भव्य संग्रहालय बनवाया।
🔹 मोदी ने गांधी–गांधी कहा, लेकिन अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू–कश्मीर से राजनीतिक इस्लामीकरण को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
🔹 मोदी ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई, लेकिन लाल बहादुर शास्त्री को भी देश की नई पीढ़ी के सामने आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया।
हर कदम सोची–समझी रणनीति का हिस्सा है।
हर नीति भारत को उसके वैभवशाली हिंदू स्वरूप की ओर अग्रसर कर रही है।
मोदी का मिशन: हिंदू राष्ट्र की ओर अंतिम कदम
यह राजनीतिक सन्यासी सिर्फ साधारण नेताओं या स्वयंभू विशेषज्ञों की समझ से परे हैं। उन्हें किसी सलाह की जरूरत नहीं—उन्हें केवल आपके अटूट समर्थन और वोट की आवश्यकता है।
हिंदू समाज 1000 वर्षों से विदेशी आक्रमणों, सांस्कृतिक दासता और विध्वंस का शिकार रहा है।
मैकॉले की शिक्षा प्रणाली और कांग्रेस के 70 वर्षों के तुष्टिकरण ने हिंदुओं को मानसिक रूप से गुलाम बना दिया।
लेकिन अब जागने का समय आ गया है।
📌 यदि 60% हिंदू भी जाग गए, तो अगले 30 वर्षों में भारत एक गौरवशाली हिंदू राष्ट्र के रूप में पुनः स्थापित होगा।
📌 प्रचारित झूठ और भ्रामक नैरेटिव से बचें। मोदी पर विश्वास रखें।
📌 इस संदेश को हर हिंदू तक पहुंचाएं। भारत के हिंदू भविष्य की रक्षा आपकी जागरूकता, एकता और वोट पर निर्भर करती है।
🚩 मोदी अपने मिशन पर हैं—उन्हें निराश मत करें! 🚩
जय भारत! जय हिन्द!!
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