“आतंक का निर्यातक पाकिस्तान अब अफ्रीका को बना रहा है नया युद्धक्षेत्र।“
जब भी पाकिस्तान का नाम सामने आता है, उसके साथ आतंकवाद की काली छाया स्वतः जुड़ जाती है। यह महज एक धारणा नहीं, बल्कि दशकों से मिले सबूतों पर आधारित एक सच्चाई है। भारत से लेकर अफगानिस्तान तक और अब अफ्रीका में भी पाकिस्तान का आतंक निर्यात तंत्र – विशेष रूप से उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI – पूरे विश्व में अस्थिरता और विनाश फैला रहा है। और अब एक चौंकाने वाला खुलासा: पाकिस्तान, दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों में से एक – बोको हराम – को ट्रेनिंग और सहायता दे रहा है ताकि वह अफ्रीका में और अधिक तबाही मचा सके।
🔍 आतंकवाद में पाकिस्तान की लंबी विरासत
- पाकिस्तान ने दशकों से आतंकवाद को राज्य की नीति का औजार बनाया है।
- ISI सक्रिय रूप से लश्कर–ए–तैयबा, जैश–ए–मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों को पालता-पोसता रहा है।
- भारत में हुए 26/11 मुंबई हमले, पुलवामा ब्लास्ट, और कश्मीर में बार–बार की घुसपैठ इसके जीवंत उदाहरण हैं।
- इन संगठनों को केवल पाकिस्तान की जमीन ही नहीं, बल्कि सरकारी मदद, ट्रेनिंग और सुरक्षा भी प्राप्त होती है।
🌍 अब नया मोर्चा: अफ्रीका आतंक की गिरफ्त में
अब पाकिस्तान ने अपने आतंक निर्यात मिशन का विस्तार अफ्रीका तक कर दिया है — एक ऐसा महाद्वीप जो पहले से ही गरीबी, अस्थिरता और जातीय संघर्षों से जूझ रहा है।
- बोको हराम, जो पहले ही नाइजीरिया, कैमरून और चाड जैसे देशों में नरसंहार, अपहरण और बम धमाकों के लिए कुख्यात है, अब ISI से ट्रेनिंग, हथियार और फंडिंग प्राप्त कर रहा है।
- कई रिपोर्टों और खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी ISI अधिकारी सीधे बोको हराम के आतंकियों के संपर्क में हैं।
- जैसे ISI ने अफगानिस्तान और कश्मीर में आतंकियों की सेना खड़ी की, वैसे ही अब वह अफ्रीका में आतंक का एक स्थायी ढांचा बना रहा है।
⚠️ दुनिया को क्यों चिंतित होना चाहिए?
- अफ्रीका, विशेषकर साहेल क्षेत्र और पश्चिमी अफ्रीका, पहले से ही चरम अस्थिरता की स्थिति में है।
- अब यदि बोको हराम को पाकिस्तान जैसे देश से सैन्य ट्रेनिंग और धन मिल रहा है, तो यह केवल अफ्रीका नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।
- यह समस्या क्षेत्रीय नहीं रही — यह एक वैश्विक आतंकी संकट का रूप ले चुकी है।
🧊 पाकिस्तान का दोहरा चरित्र: आतंकियों को खुली छूट, आम नागरिकों को डर
- पाकिस्तान अपने आतंकियों को खुलेआम प्रशिक्षण, हथियार और मंच प्रदान करता है, लेकिन आम जनता पर ISI के माध्यम से निगरानी और दमन करता है।
- जिन क्षेत्रों में आतंकी रहते हैं, वहां के नागरिकों को डर, नियंत्रण और भय के माहौल में जीवन जीने के लिए मजबूर किया जाता है।
- ISI यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी जानकारी बाहर न जा सके — इस प्रकार, पाकिस्तान आतंकियों का संरक्षक और अपने नागरिकों का शोषक बन गया है।
🔥 अब वैश्विक समुदाय को जागना होगा
- पाकिस्तान को अब सिर्फ एक क्षेत्रीय समस्या मानना भारी भूल होगी। यह अब एक वैश्विक आतंक का पोषक और निर्यातक बन चुका है।
- अब न तो ढुलमुल नीति चलेगी, न ही केवल बयानबाज़ी पर्याप्त होगी।
✅ ये ठोस कदम अब अनिवार्य हैं:
- ISI और पाकिस्तानी सेना के उन अधिकारियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध, जो आतंकियों से जुड़े हैं।
- FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) में पाकिस्तान को काली सूची में डालना।
- अफ्रीकी देशों को आतंक से निपटने के लिए तकनीकी और सैन्य सहायता देना।
- संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS और अफ्रीकी संघ के मंचों पर इस मुद्दे को प्रमुखता देना।
- भारत को इसराएल के सहयोग से इस अभियान में कूटनीतिक नेतृत्व संभालना चाहिए, और पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को विश्व पटल पर उजागर करते रहना चाहिए।
🚫 बस अब बहुत हुआ! दुनिया अफ्रीका में एक और अफगानिस्तान नहीं झेल सकती।
- पाकिस्तान ने आतंक का निर्यात एक उद्योग बना लिया है और अब उसका हाथ बोको हराम जैसे संगठनों तक पहुंच चुका है। यदि अभी भी चुप्पी साधी गई, तो यह आतंकवाद की सुनामी बन सकती है।
- पाकिस्तान–बोको हराम का यह वैश्विक आतंक नेटवर्क अब टूटना चाहिए — यही विश्व शांति का एकमात्र रास्ता है।
- इसके लिए विश्व के सभी देशों को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा तभी हम इस विश्व के पटल से समूल नष्ट कर सकेंगे।
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
अधिक ब्लॉग्स के लिए कृपया www.saveindia108.in पर जाएं।
👉Join Our Channels👈