राष्ट्र-विरोधी तत्वों और “गहरे राज्य” के बीच संबंधों की धारणा अक्सर राजनीतिक कथा में उभरती है ताकि उन कार्यों, नीतियों, या निष्क्रियता को समझाया जा सके जो राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक प्रतीत होते हैं। “गहरा राज्य” शब्द एक छिपे हुए नेटवर्क को संदर्भित करता है जिसमें प्रभावशाली नौकरशाह, राजनेता, कॉर्पोरेट, मीडिया, और विदेशी इकाइयाँ शामिल होती हैं, जो अपने हितों के लिए राज्य की नीतियों को प्रभावित या नियंत्रित करती हैं।
नीचे दिए गए कुछ संभावित उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि भारत में विपक्षी नेताओं के इन प्रभावों से संबंध हो सकते हैं:
विदेशी ताकतों के साथ संबंध
उदाहरण:
कुछ नेताओं पर विदेशी ताकतों या गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) से राजनीतिक या वित्तीय समर्थन प्राप्त करने के आरोप लगे हैं, जो कभी-कभी भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ जाते हैं।
मामला:
जैसे, Amnesty International जैसे NGOs की फंडिंग, जो कश्मीर और अल्पसंख्यक मुद्दों पर भारत की संप्रभुता को कमजोर करने वाले कथाओं का समर्थन करती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करना
उदाहरण:
आतंकी संगठनों या अलगाववादी समूहों के खतरों को कम आंकने के आरोप, कथित तौर पर अल्पसंख्यक वोट हासिल करने के लिए।
मामला:
कुछ सरकारों के दौरान माओवादी विद्रोह और सीमा पार आतंकवाद पर नरम रुख को अंतरराष्ट्रीय दबावों से जोड़ा गया।
कॉर्पोरेट और मीडिया हाउस से संबंध
उदाहरण:
प्रभावशाली कॉर्पोरेट और मीडिया हाउस से संपर्क, जो विशेष एजेंडों का प्रचार करते हैं।
मामला:
उद्योगपतियों द्वारा विपक्षी अभियानों को वित्तपोषित करने या मीडिया के माध्यम से जनमत को प्रभावित करने के आरोप।
रणनीतिक राष्ट्रीय परियोजनाओं का विरोध
उदाहरण:
रक्षा अधिग्रहण, बुनियादी ढांचा विकास, या आतंकवाद विरोधी कानूनों में देरी या विरोध।
मामला:
UPA शासन के दौरान रक्षा सौदों (जैसे AugustaWestland) में भ्रष्टाचार के आरोप।
धार्मिक और जातीय विभाजन का उपयोग
उदाहरण:
कट्टरपंथी समूहों के साथ संबंध या विभाजनकारी नीतियों का समर्थन।
मामला:
Popular Front of India (PFI) जैसे संगठनों का समर्थन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा।
राष्ट्र-विरोधी प्रदर्शनों में भागीदारी
उदाहरण:
Shaheen Bagh या किसान आंदोलन जैसे आंदोलनों का समर्थन।
मामला:
विदेशी फंडेड NGOs और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका।
अलगाववादी कथाओं को बढ़ावा देना
उदाहरण:
कश्मीर, पंजाब (खालिस्तान), और पूर्वोत्तर में अलगाववादी नेताओं के साथ संबंध।
मामला:
धारा 370 हटाने का विरोध।
राष्ट्रवादी नीतियों का विरोध
उदाहरण:
CAA, NRC, और कृषि कानूनों का विरोध।
मामला:
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के साथ कथित लिंक।
आर्थिक अवरोधन
उदाहरण:
नोटबंदी या GST जैसी सुधारों का विरोध।
मामला:
काले धन के संचालकों से विपक्षी नेताओं के संबंध।
मीडिया और प्रचार मशीनरी का उपयोग
उदाहरण:
मीडिया हाउस पर नियंत्रण या लाभ।
मामला:
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें, जैसे Freedom House, जो विपक्ष के कथाओं का समर्थन करती हैं।
गहरे राज्य के संबंधों के मुख्य प्रभाव:
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
अस्थिरता और आंतरिक अशांति
आर्थिक बाधाएं
वैश्विक छवि को नुकसान
हालांकि सबूत अक्सर परिस्थितिजन्य होते हैं, इन आरोपों से भारतीय राजनीति में गहरे राज्य के प्रभाव के संभावित खतरों को उजागर किया जाता है। राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखने के लिए सतर्कता, पारदर्शिता, और सार्वजनिक जवाबदेही आवश्यक है।
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