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विरोधी दल और कुछ दूसरे लोग मोदी का विरोध क्यों करते हैं

विरोधी दल और कुछ दूसरे लोग मोदी का विरोध क्यों करते हैं?

विपक्षी पार्टियों और व्यवसायियों द्वारा मोदी सरकार का विरोध उस पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से उत्पन्न हुआ है। इन सुधारों ने उनके पारंपरिक कार्यशैली को प्रभावित किया है। आइए समझते हैं कि ये बदलाव किस तरह से उनके निजी हितों पर असर डाल रहे हैं और क्यों वे इन सुधारों का विरोध करते हैं:

1. डिजिटलीकरण और पारदर्शिता:

सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें प्रमुख हैं:

  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): यह प्रणाली सब्सिडी को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है।
  • डिजिटल इंडिया अभियान: ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के साथ-साथ कागजी कार्यवाही को कम किया गया है।
  • GST (वस्तु एवं सेवा कर): टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे टैक्स चोरी पर प्रभावी रोक लगी है।

इन सुधारों ने उन लोगों को नुकसान पहुँचाया जो काले धन और अनियमित प्रथाओं पर निर्भर थे, जैसे कि ठेकेदार, बिचौलिये और अव्यवस्थित सिस्टम का हिस्सा थे।

2. भ्रष्टाचार पर प्रहार:

कुछ प्रमुख कड़े कदम:

  • नोटबंदी (2016): काले धन और नकली मुद्रा पर शिकंजा कसा, जिससे नकद लेन-देन पर निर्भर व्यवसायों को बड़ा झटका लगा।
  • दीवालियापन और दिवाला संहिता (IBC): कर्ज नहीं चुकाने वाले व्यवसायों को जवाबदेह ठहराया गया।
  • आधार से जुड़ी योजनाएं: वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता आई, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हुई।

3. आजीविका पर प्रभाव:

इन बदलावों ने उन व्यक्तियों और व्यवसायों की कमाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला जो भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी या काले धन से फायदा उठा रहे थे। खासकर:

  • नए व्यापारिक नीतियों की वजह से उन लोगों की आजीविका पर असर पड़ा जो बिचौलियों और भाई-भतीजावाद के जरिये लाभ प्राप्त करते थे।
  • कोई गुमनाम और अनौपचारिक तरीकों से काम करने वाले व्यवसाय अब औपचारिक तरीकों में आए हैं या वे बंद हो गए हैं।

4. प्रभावित समूहों का विरोध:

इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों का विरोध कुछ समूहों द्वारा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि:

  • “आसान पैसा” खत्म हुआ: पुराने तरीके जिनसे लोग सरलता से पैसा कमा रहे थे, अब मुश्किल हो गए हैं।
  • जवाबदेही और पारदर्शिता: घोटाले उजागर हो रहे हैं और लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
  • आर्थिक औपचारिकता: काले धन और नकदी आधारित अर्थव्यवस्था में बदलाव ने उन क्षेत्रों को बाधित किया, जिनका मुख्य आधार अव्यवस्था था।

5. मोदी के दृष्टिकोण का समर्थन क्यों करें:

  • इन सुधारों का उद्देश्य पारदर्शी, भ्रष्टाचार-मुक्त भारत की दिशा में है, जहां ईमानदारी और मेहनत को सराहा जाएगा।
  • शुरुआत में ये परिवर्तन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय में ये एक न्यायपूर्ण और समृद्ध समाज का निर्माण करेंगे।
  • ये परिवर्तनों का समर्थन करना आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के निर्माण में योगदान है।

कुछ समूहों का विरोध यह दर्शाता है कि वे ईमानदारी और न्याय पर आधारित एक नई प्रणाली को अपनाने में असमर्थ हैं, जो अंततः बहुसंख्यक जनता के हित में है।

जय भारत! जय हिन्द!!

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