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मोदीजी

🧭 अगर मोदीजी समय पर प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो कांग्रेस भारत को बर्बादी के कगार पर पहुँचा देती – प्रणब मुखर्जी की स्वीकारोक्ति और आज की सच्चाई

🇮🇳 भारत का सौभाग्य – 2014 में मोदीजी का आना, देश की दिशा का बदल जाना

भारत का लोकतंत्र समय-समय पर ऐसे मोड़ों से गुज़रा है जहाँ नेतृत्व की गुणवत्ता ने देश का भाग्य तय किया है। 2014 एक ऐसा ही निर्णायक मोड़ था – एक ओर थी बिखरी हुई, भ्रष्टाचार में डूबी, विचारशून्य कांग्रेस, और दूसरी ओर थे मोदीजी — एक निर्णायक, कर्मठ और राष्ट्रनिष्ठ नेता।

प्रणब मुखर्जी, जो खुद दशकों तक कांग्रेस की नीतियों का हिस्सा रहे, ने जब यह स्वीकार किया कि:

  • “अगर मोदीजी समय पर प्रधानमंत्री नहीं बनते, तो कांग्रेस देश को तबाह कर देती”,
  • तो यह कांग्रेस की नाकामीनीतिगत दिवालियापन, और वोटबैंक की भूखी मानसिकता की खुली किताब है।

🚢 कांग्रेस का डूबता हुआ जहाज – खुद के नेता ही छोड़ने लगे हैं साथ

आज कांग्रेस की हालत वैसी ही है जैसे कोई पुराना, जर्जर जहाज जो बीच समंदर में छेदों से भरा हुआ है और कप्तान खुद मस्तूल से कूद रहा है।

  • वरिष्ठ नेता, जैसे मिलिंद देवड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हेमंत बिस्वा सरमा, अश्विनी वैष्णव, शशि थरूर जैसे नाम भविष्य की दृष्टि से कांग्रेस को असफल मान कर अलग हो गए
  • अब राहुल गांधी और कांग्रेस हाईकमान के पास न कोई स्पष्ट विचारधारा है, न राष्ट्रनीति, न जनसमर्थन
  • कांग्रेस के नेता आज इसलिए पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें दिख रहा है कि यह जहाज़ अब डूबना तय है

वे वक्त रहते संकट से निकलने की होशियारीदिखा रहे हैं।

🦅 गिद्ध राजनीति – हादसों पर राजनीति करना कांग्रेस की नई रणनीति

हर हादसे पर जाकर जनता के दुख का राजनीतिक लाभ उठाना,
सरकार पर आरोप मढ़कर अपनी नाकामी छुपाना,
जनता को भड़काकर अराजकता फैलाना
यह कांग्रेस का आज का असली चरित्र बन चुका है।

“विकास नहीं, विभाजन चाहिए; स्थिरता नहीं, साज़िश चाहिए” — यही कांग्रेस की लाइन है।

  • जब देश पुलवामा पर एकजुट था, ये पूछ रहे थे “सबूत दो”।
  • जब मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राष्ट्रीय एकता चाहिए थी, तब ये अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम कर रहे थे

🧠 जनता अब 2014 से पहले वाली नहीं रही – मोदी राज ने समझदार भारत को जन्म दिया है

कांग्रेस अब भी यही मान रही है कि जनता को पुराने तरीके से बेवकूफ बनाया जा सकता है —
लेकिन आज का भारत 10 साल के मजबूत नेतृत्व को जी चुका है।

जनता जानती है:

  • कौन सा नेतृत्व घोटालों और भ्रस्टाचार से भरा था (2G, CWG, कोयला),
  • और कौन सा नेतृत्व बिना किसी घोटाले के 10 साल चला और देश को वैश्विक मंच पर उठाकर खड़ा किया।

⚖️ कानूनी शिकंजा भी कस रहा है – कांग्रेस का अतीत पीछा छोड़ने को तैयार नहीं

  • चाहे मनी लॉन्ड्रिंग हो, नेशनल हेराल्ड केस, या घोटालों की परतें –
    कांग्रेस के शीर्ष नेता आज CBI और ED के शिकंजे में हैं।
  • और यह कोई राजनीतिक बदला नहीं – ये तो सालों की असलियत का हिसाब है, जिसे समय अब चुका रहा है।

अब और भ्रम नहीं, अब केवल राष्ट्रवाद

  • देश को एक बार फिर विचार और नेतृत्व की कसौटी पर खरा उतरने वाला नेतृत्व चाहिए, और वह केवल मोदीजी सरकार ही है।
  • कांग्रेस की गिद्ध राजनीति, जनविरोधी एजेंडा, और तुष्टिकरण की राजनीति को पूरी तरह अस्वीकृत करना होगा।

🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳

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