पिछले दस सालों में भारत में क्या बदला
पिछले दस सालों में भारत में बदलाव न केवल सरकार के स्तर पर हुआ, बल्कि देश की सोच, दिशा और दृष्टिकोण में भी बड़ा परिवर्तन आया है। 2014 से पहले जहां भ्रष्टाचार, घोटाले और नीतिगत ठहराव था, वहीं अब भारत वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास के साथ खड़ा है। इन वर्षों में नीति, शासन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में जो विकास हुआ, उसने देश की दिशा ही बदल दी। आइए समझते हैं, पिछले दस सालों में भारत में क्या बदला और इस बदलाव का असली अर्थ क्या है।
मैं अक्सर दिन में दो चाय पीता हूँ।
पर कल शाम की चाय कुछ अलग थी।
उस एक कप ने दिल-दिमाग को हिला दिया।
सोचने बैठा तो देश के कई कटु सच सामने आ खड़े हुए…
🤔 क्या आपको याद है…?
यूपी में जब सरकार बदली…
- अखिलेश यादव के सैफई महोत्सव की चमक बुझ गई।
वह महोत्सव जिसमें बॉलीवुड सितारे और अपराधी नेता एक मंच पर दिखाई देते थे, अब इतिहास बन गया।
l मायावती का जन्मदिन…
अब उन्हें न हीरे की माला पहनाई जाती है,
न नोटों की गड्डियों से तोला जाता है।
क्यों? क्योंकि जनता अब जाग गई है।
l बाहुबलियों का साम्राज्य…
अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी, आजम खान — एक समय राजनीति और अपराध का अटूट गठजोड़ थे।
योगी जी के आने के बाद इनका पतन हो गया। अब न कोई नया बाहुबली है, न अपराध का खुला खेल।
💰 लूट का वह दौर अब कहां है?
- चिदंबरम अब 6 करोड़ की गोभी गमलों मैं नहीं उगा पा रहे हैं।
- सुप्रिया सुले की 10 एकड़ जमीन अब 670 करोड़ की फसल नहीं दे रही।
- रॉबर्ट वाड्रा ने हरियाणा में ज़मीनें लेना बंद कर दिया।
- प्रियंका गांधी अब पेंटिंग नहीं बेच रहीं।
“यस बैंक” का मालिक अब जेल में है।
🔍 सोनिया गांधी की “अज्ञात बीमारी“…
2004 से 2014 तक हर 6 महीने में सोनिया गांधी किसी “अज्ञात” बीमारी के इलाज के लिए “अज्ञात देश” जाती थीं।
उनकी उड़ान दिल्ली में नहीं, केरल से होती थी।
साथ में 4–5 ट्रंक, कोई चेकिंग नहीं — क्योंकि वो भारत की सुपर पीएम थीं।
पर 2014 में मोदी सरकार आते ही,
अचानक वो बीमारी और विदेश दौरे दोनों बंद हो गए!
क्यों?
🧨 जब सरकार खुद राष्ट्र–विरोधी बन जाए…
“जब सरकार ही देश को बेचने पर तुल जाए,
जब सत्ता ही आतंक और तुष्टिकरण को पालने लगे,
जब वोट बैंक के लिए धर्म और देश का सौदा हो —
तब ईश्वर भी उस राष्ट्र को नहीं बचा सकता।“
यही हो रहा था 2004 से 2014 तक।
🌟 पर भारत सौभाग्यशाली है…
ईश्वर ने भारत को एक सन्यासी, एक योगी,
एक कर्मवीर, और द्रष्टा नेता दिया — नरेंद्र मोदी जी।
जिन्होंने:
- जंगलों में साधना की,
- तपस्या की,
और फिर राष्ट्र को अपना परिवार मानते हुए
राजनीति में कदम रखा।
🚀 आज भारत कहां पहुंच गया है?
🌍 आर्थिक मोर्चे पर:
- सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
- ग्लोबल इंवेस्टमेंट हब
- डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप क्रांति
- रिकॉर्ड तोड़ GST, टैक्स कलेक्शन
🛡 राष्ट्रीय सुरक्षा:
- सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक
- ऑपरेशन सिंदूर — भारत माता के सिंदूर की रक्षा के लिए भारत ने दुश्मनों के घर में घुसकर मारा।
- आज भारत सीमा पर झुकता नहीं, डटकर लड़ता है।
⚠️ और उधर, I.N.D.I.A गठबंधन?
ये है “I Need Dollar In Advance” क्लब।
इस गठबंधन का एजेंडा क्या है?
- मोदी हटाओ, भले देश मिट जाए
- कश्मीर में 370 वापस लाओ
- UCC और CAA का विरोध करो
- हिंदुओं को बांटो – जाति, भाषा, क्षेत्र के नाम पर
- आतंकियों के जनाज़ों में आंसू बहाओ
- वक्फ बोर्ड और PFI को संरक्षण दो
- देशविरोधी नारों को “अभिव्यक्ति की आज़ादी” बताओ
क्या आप ऐसे लोगों को देश सौंपना चाहेंगे?
🇮🇳 मोदी जी नहीं होते तो क्या होता?
- भारत अभी भी घोटालों की राजधानी होता
- आतंकवादियों को बिरयानी मिलती
- करदाताओं के पैसे से वोट बैंक चलता
- सेना को गाली दी जाती
- भारत कभी वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास से खड़ा न हो पाता
अब निर्णय आपका है…
यह एक चुनाव नहीं,
संस्कृति और अस्तित्व की लड़ाई है।
या तो आप मोदी को चुनकर भारत को बचाएंगे,
या I.N.D.I.A को चुनकर अपने बच्चों के भविष्य को खतरे में डालेंगे।
🔥 अबकी बार… सोच समझकर चुनाव कीजिए
🇮🇳जय भारत, वन्देमातरम 🇮🇳
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